गठिया: लक्षण, कारण, प्रकार, उपचार | gathiya rog ke lakshan | gathiya rog ki pahchan

gathiya rog ke lakshan or gathiya rog ki pahchan or गठिया की शुरुआत कैसे होती है व गठिया रोग किसकी कमी से होता है और गठिया कितने दिन में ठीक होता है .

गठिया हमारे जोड़ों और हमारी हड्डियों से संबंधित एक बीमारी है जिसके अंदर हमारे ज्वॉइन के अंदर सूजन आ जाती हैं और इसके बाद जोड़ों में भयंकर दर्द होने लगता हैं। आज भारत में यह समस्या दिनों दिन बढ़ती नज़र आ रही है, देश का हर नागरिक बच्चा, बूढ़ा जा जवान सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं। हैल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अगर आप गठिया का सही समय पर इलाज नहीं लेते तो आगे चलकर यह और भी गंभीर रूप ले सकती हैं।

गठिया के बारे में कहा जाता है की यह हमारे खानपान और हमारे रूटीन के बिगड़े लाइफ स्टाइल की वजह से होती है। कुछ लोगों में यह बीमारी उनके माता पिता से मिलती हैं जो कई बार आगे तक चलती रहती हैं। अगर आप गठिया से लड़ना चाहते हैं तो पहले इसे अच्छे से समझे।

Table of Contents

गठिया क्या है? – gathiya rog kya hota hai

गठिया एक बीमारी है जिसके अंदर हमारे सभी जोड़ और हड्डियां प्रभावित होती हैं इसके अंदर जोड़ों में सूजन आ जाती है। सूजन के साथ-साथ जोड़ों में भयंकर दर्द शुरु हो जाता है जिसकी वजह से रोगी को बहुत पीड़ा होती हैं। पहले यह समस्या ज्यादातर 50 साल के ऊपर शुरु होती थी परंतु आज यह हर किसी में कॉमन पाई जाती हैं। गठिया हर बच्चे, जवान और बूढ़े में मिल सकता हैं। 

गठिया वायरस के लक्षण हमारी बॉडी में धीरे-धीरे विकसित होते हैं कई बार ऐसा भी देखा गया है की बिना लक्षण के भी लोगों में यह समस्या पाई गई थी। गठिया के उपचार में डॉक्टर हमें परहेज बताते हैं जो अपने आप में एक ज़रूरी चीज़ है।

गठिया के लक्षण क्या-क्या है? – gathiya rog ke lakshan kya hai

1. जोड़ों में दर्द – gathiya rog ka ilaaj

gathiya rog ke lakshan

गठिया रोग का सबसे बड़ा लक्षण है की इससे जोड़ों में भयंकर दर्द होता है। हमारी बॉडी में सिर से लेकर पैरो तक जितने भी जोड़ हैं, हर जोड़ में भारी दर्द होता हैं। अर्थराइटिस के चलते कई बार रोगियों के अंग दर्द के कारण लाल हो जाते है उन्हें चलने फिरने में कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं। अर्थराइटिस के कारण रोगी का यूरिक एसिड बढ़ जाता है जो अपने आप में एक बड़ी समस्या है।

2. जोड़ों में सूजन – gathiya rog kaise hota hai or gathiya rog ke lakshan

गठिया या अर्थराइटिस की बीमारी का दूसरा सबसे बड़ा लक्षण हैं की इसमें सभी जोड़ों में सूजन आ जाति है पूरे अंग सूजकर लाल हो जाते हैं। गठिया के चलते रोगी के घुटने, कूल्हे, कंधे, हाथ या पूरे शरीर पर भारी सूजन आ जाती हैं। 

3. रूमेटी का खतरा – gathiya rog kya hota hai

अगर आप गठिया का सही समय पर इलाज नहीं लेते, इसे अनदेखा करते है तो यह आगे चलकर और भी गंभीर रूप धारण कर सकता है। जब यह बीमारी और आगे बढ़ जाती है तो उसे रूमेती अर्थराइटिस कहा जाता हैं जिसके अंदर हमारी हड्डियां ख़राब होने लगती हैं। इस समस्या में हड़िया धीरे-धीरे गलना शुरु हो जाती हैं।

4. हाथों पैरों में गांठे  –  gathiya rog me kya nahi khana chahiye

अर्थराइटिस या गठिया के चलते हमारी पूरी बॉडी में मोटी-मोटी गांठे बनना शुरु हो जाती है जिससे हमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इसके चलते पुरा शरीर सूजा-सूजा सा दिखाई पड़ता हैं। अब रोगी को हिलने डुलने और बालों में कंगी करना और नहाना धोना आदि कार्य में परेशानी का समाना करना पड़ता हैं

5. एनीमिया – gathiya rog mein kya khana chahie or gathiya rog ki pahchan

गठिया की समस्या में रोगी को कई बार एनीमिया हो जाता है जिसके अंदर उसका ब्लड कम होने लगता है।  साथ ही उसके ब्लड में कई तरह रोग पैदा होने लगते हैं। गठिया में देखा गया है की ज्यादातर मामलों में लोगों को एनीमिया के साथ तेज़ बुखार आता हैं जिसे रोगी की पीड़ा और बढ़ जाती हैं।

6. थकान – gathiya rog ki dava orgathiya rog ke lakshan

गठिया में देखा गया है की रोगी के अंदर थकान बहुत ज्यादा बढ जाती है जिससे वह अपने रोजमर्रा के कार्य को पूरा नहीं कर पाता। इसके साथ-साथ रोगी का वजन तेज़ी से गिरने लगता है उसकी भूख भी कम होना शुरु हो जाती है। इसीलिए हम कह सकते है कि गठिया एक गंभीर समस्या है इसका समय रहते ईलाज ज़रूरी है।

7. नींद में कमी होना – gathiya rog specialist doctor

गठिया रोगियों में एक चीज़ सबसे कॉमन पाई जाती है की इन्हें रात को अच्छे से नींद नही आती।  रात के समय जोड़ों में सूजन और दर्द और बढ़ जाता है जिसके चलते रोगी की पीड़ा और बढ़ जाती हैं। कई रोगियों का कहना है की उन्हें रोज़ रात को सोने के लिए गोली खानी पड़ती हैं जिससे उन्हें नींद आती हैं।

8. लाल त्वचा – gathiya rog kis karan hota hai

गाठिया एक और बडा लक्षण हैं की इसमें रोगी की पूरी त्वचा लाल हो जाती है। इसका कारण है सूजन और दर्द, जब आपकी पूरी बॉडी में दर्द और सूजन रहती हैं तो इसके चलते हमारी त्वचा का रंग लाल हो जाता हैं। इसीलिए हमें समय रहते गठिया का इलाज़ ले लेना चाहिए ताकि यह समस्या ज्यादा आगे न बढ़ सके।

गठिया के कारण क्या हो सकते हैं?  – gathiya rog ke karan kya hai

1. जेनेटिक – gathiya rog ki pahchan or gathiya rog ki pahchan

अगर आपके माता-पिता को यह समस्या है तो 80% चांस है की यह समस्या आपके अंदर भी आए। अगर परिवार का एक सदस्य इस रोग से पीड़ित होता हैं उसके कारण आगे बच्चों में भी यह बीमारी विकसित होने लगती हैं। इसीलिए हम कह सकते है की यह बीमारी जेनेटिक है।

2. मोटापा – gathiya rog ka gharelu upay

gathiya rog ke lakshan

जिन लोगों में मोटापे की समस्या पाई जाती हैं जा फिर उनका वजन हमेशा समान्य से ज्यादा रहता है। उनकी बॉडी फैट शरीर से बाहर लटकती है तो उन्हे गठिया होने के ज्यादा चांस रहते है। मोटापे के कारण सबसे पहले रोगी का यूरिक एसिड बढता है।

3. बढ़ती उम्र – gathiya rog specialist doctor or gathiya rog ke lakshan

जिन लोगो की उम्र 50 साल या इससे भी अधिक है उन्हें अर्थराइटिस या गठिया होने के ज्यादा चांस है। गठिया के साथ-साथ उनके अंदर जोड़ों में सूजन और जोड़ों में भारी दर्द होता है जिसके कारण उन्हें हिलने-डुलने में कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं।

4. खराब खान पान – gathiya rog ke kya lakshan hai

अगर आप हमेशा बाहर का तला-भुना और स्पाइसी खाना खाते रहते है, या फिर आप बाहर का फ़ास्ट फ़ूड ज्यादा खाते हैं तो इससे आपकी इम्यूनिटी वीक पड़ने लगती हैं जिसके कारण आपको इस तरह के इम्यून रोग होने का खतरा बढ जाता हैं।

5. चोट के कारण – gathiya rog ka permanent ilaj

अर्थराइटिस जा गठिया की एक और वजह हो सकती हैं जब हम कोई समान्य चोट लगती हैं तो इसके चलते ऑस्टियो अर्थराइटिस जा हड्डी का दर्द शुरु हो जाता है।

गठिया का घरेलू इलाज क्या है?  – gathiya rog ka gharelu ilaaj kya hai

  • लहसुन  – gathiya rog kaise thik hota hai

लहुसन गठिया और अर्थराइटिस को कैयोर करने के लिए अच्छी दवा हो सकता है। लहसुन के अंदर कुछ ऐसे गुण मौजूद हैं जो आपकी सूजन और आपके दर्द को कम करने में मददगार है। इसके लिए आप 2-3 कलिया गर्म पानी के साथ ले सकते है।

  • मैथी दाना – gathiya rog ka desi ilaj

मैथी दाना गठिया से आई सूजन और दर्द को काफ़ी हद तक खत्म कर सकता हैं इसके लिए आप 2-3 चमच मैथी दाना रात को पानी में भिगोकर रख दे और सुबह उठते ही खाली पेट इस पानी को पीए बाद में इस मैथी दाने को चबा-चबा चबाकर खा ले। इससे आपको गठिया में लाभ मिलेगा।

  • कैस्टर ऑयल – gathiya rog ka ilaj hindi me

अगर आप अपने जोड़ों पर अरंडी के तेल की मालिश करते हैं तो इससे आपको काफ़ी फ़ायदा मिल सकता हैं। अरंडी के तेल से जोड़ों की सूजन जल्दी से कम होती है और इससे जोड़ों का दर्द भी कम होता हैं।

  •  धनिए का उपयोग – gathiya rog symptoms in hindi

धनिए के बीज इस समस्या में बहुत गुणकारी साबित होते है इसके लिए आप रात को धनिए के बीजों को पानी में भिगोकर रख दे और सुबह उठते ही खाली पेट इसे चबाकर खाएं, इससे काफ़ी हद तक आपको आराम मिलेगा।

  • हल्दी का उपयोग – gathiya rog kiski kami se hota hai

हल्दी का एक विशेष गुण है की यह एंटी ऑक्सीडेंट है जो जोड़ों की इन्फेमेशन को कम करता है। इसीलिए आप रात को सोते समय गर्म दुध में हल्दी पाउडर इसे पी सकते हैं। हल्दी दुध पीने से जोड़ों की सूजन और जोड़ों का दर्द अपने आप कम हो जाता है।

गठिया कितने प्रकार का होता हैं? – gathiya rog kitne prakar ka hota hai

मैडिकल एक्सपर्ट के अनुसार गाठिए के प्रकार 100 से उपर है जिसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं।

gathiya rog ke lakshan

इस तरह के गठिए में हमारे जोड़ और हड्डियो की टूट फूट ज्यादा होती है इसीलिए यह गठिया ज्यादातर 50 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है।

  • रुमेटीइड गठिया – what is Rheumatoid arthritis (RA)

 इस तरह के गठिए के अंदर आपका इम्यून सिस्टम आपके विरुद्ध काम करने लगता है जिससे आपके जोड़ों को भारी नुक़सान होता हैं।

  • गाउट – what is Gout arthritis

इस प्रकार के गठिए में आपके जोड़ों के अंदर यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने लगते है जिससे जोड़ो में सूजन और दर्द दोनो बढ़ जाते हैं।

  • सोरियाटिक गठिया – what is Spondyloarthropathies arthritis

यह गठिया उन लोगों का ज्यादा प्रभावित करता है जो पहले से ही सोरियाटिक बीमारियो के शिकार हैं।

  • एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस – what is Juvenile arthritis (JA)

इस तरह के गठिया का प्रभाव आपकी पीठ के निचले हिस्से में ज्यादा रहता है , इसमें आपकी पैर, आपकी टांगे और आपकी जांघें शामिल हैं।

  • किशोर गठिया – what is Psoriatic arthritis (PsA)

जो गठिया 16 साल या इससे कम उम्र के बच्चो को होता है उसे हम किशोर गठिया कहते है जिससे बच्चो के जोड़ व हड्डियां प्रभावित होती हैं।

गठिया रोग किसकी कमी का कारण बनता है? – gathiya rog kiski kami se hota hai

हैल्थ एक्सपर्ट के अनुसार गठिया आमतौर पर विटामिन सी, विटामिन डी , कैलिशियम और आयरन की कमी के कारण होता है। शुरुआत के समय इस बीमारी के लक्षण खुलकर सामने नही आते। बीमारी के आगे बढने से जोड़ों में भयंकर सूजन व दर्द शुरु हो जाता हैं। गठिया होने के वैसे तो कई कारण परंतु मुख्य रुप से यह बीमारी जेनेटिक है जो आपके माता-पिता से होती है।

गठिया कितने दिन में ठीक होता है? – gathiya rog kitne dinon mein thik hota hai

गठिया एक गंभीर बीमारी हैं जो हमारी बॉडी में धीरे-धीरे विकसित होती है। इस बीमारी के चलते हमारे सभी जोड़ और सभी हड्डियां प्रभावित होती हैं। जोड़ों और हड्डियों में दर्द और सूजन बढ़ जाती हैं। हैल्थ एक्सपर्ट का मानना है अगर हम इस बीमारी का प्रॉपर ईलाज करें तो इसे 8-10 हप्तो में आसानी से ठीक किया जा सकता हैं। इस बिमारी में कुछ चीजों का प्रेहेज़ जरूरी हैं, जिससे बीमारी जल्दी ठीक होती हैं।

गठिया में क्या परहेज करना चाहिए? – gathiya rog ka ka parhej kya hai

गठिया के अंदर हमें ठंडे फल, ठंडी लस्सी, नींबू, आइस्क्रीम, चाय काफ़ी, ज्यादा ताला भुना, फ़ास्ट फ़ूड आदि चीज़े नही खानी चाहिए। जिससे हमारी बीमारी और बढ़ सकती हैं, इस बीमारी में अगर आप इन चीज़ों को खाते हैं तो इससे आपका दर्द और सूजन और बढ़ सकती हैं।

FAQ 

Q.1. गठिया में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए?

Ans. गठिया की बीमारी में हमे बैगन नही खाना चाहिए जो दर्द और सूजन को बढ़ाने का काम करता हैं

Q. 2. क्या गठिया में दूध पी सकते हैं?

Ans. गठिया में ठंडा दुध पीने के लिए साफ मना किया जाता है इसीलिए आप दुध को गर्म करके पी सकते है।

Q. 3. गठिया में कौन सा अनाज खाना चाहिए?

Ans. आयुर्वेद के अनुसार गठिया को 100% ठीक करने के लिए हम साबुत अनाज को खाना चाहिए जो इस बीमारी में हमे काफ़ी मदद देता हैं।

Q. 4. क्या गठिया में दही खा सकते हैं?

Ans. गठिया के मरीजों को फ्रिज में पड़ी हुई दही, खट्टी और ठंडी-ठंडी छाछ और खट्टे फल नही लेने चाहिए, जिससे दर्द और सूजन बढ़ती है।

Q. 5. गठिया रोग में कौन सा फल खाना चाहिए?

Ana. गठिया रोग में आप आम, चीकू, पपीता, संतरा, अनन्नास व अंगूर आदि का सेवन कर सकते है जो आपके लिए एनर्जी का काम करते हैं।

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